बुधवार, 10 अक्टूबर 2012

चाँदनी

चाँदनी का रहस्य
- by Shrishesh
रहस्य ! रह्स्य् !! रहस्य !!! यत्र ! तत्र !! सर्वत्र !!! धरती की धड़कन सा गूंजता रहस्य, तारों की ज्योति में दिखता रहस्य, सागर के रेत सा बिखरा रहस्य । रहस्य ! रह्स्य् !! रहस्य !!! यत्र ! तत्र !! सर्वत्र !!! चाँद की चाँदनी है हँसता रहस्य हवा की मस्ती है बहता रहस्य बर्षा की बूंदों सा झरता रहस्य रहस्य ! रह्स्य् !! रहस्य !!! यत्र ! तत्र !! सर्वत्र !!! जीवन-क्रोड़ में मृत्यु-शैशव रहस्य काल-कल्पना कल्पांत रहस्य अनादि प्रारंभ से अनादि अंत तक रहस्य ! रह्स्य् !! रहस्य !!! यत्र ! तत्र !! सर्वत्र !!! " श्रीशेष " (अतीत के झरोकों से )
© अजीत कुमार, सर्वाधिकार सुरक्षित।

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