आजकल शिष्टाचार शब्द औपचारिकता का समानार्थी बन गया है। अंग्रेजी के फॉरमैलिटी या कॉर्ट्सी को औपचारिकता के पर्यायवाची शब्द के रूप में समझा जाता है।
संस्कृत का शिष्टाचार शब्द गूढ़ अर्थयुक्त है—
‘शिष्टाचार’ जो धर्माचरणपूर्वक ब्रह्मचर्य से विद्याग्रहण कर प्रत्यक्षादि प्रमाणों से सत्यासत्य का निर्णय करके सत्य का ग्रहण असत्य का परित्याग करना है यही शिष्टाचार और जो इस को करता है वह ‘शिष्ट’ कहाता है। - महर्षि दयानंद सरस्वती
शिष्टाचार का सम्बन्ध सत्य के ग्रहण करने और असत्य के त्याग से है। बिना विद्या अध्ययन के यह सम्भव नहीं कि सत्य और असत्य का निर्णय कर पाये। इसलिए किसी से अनावश्यक बहस करना शिष्टाचार नहीं परन्तु सत्य असत्य के निर्णय हेतु विनम्रतापूर्वक तर्कवितर्क करना भी शिष्टाचार है, इत्यादि।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें