वासना
कोई मर गया
और रिश्तेदारों रोने लगे
क्या दर्द दिल से उठी
कि अश्रुपात होने लगे
आंखों में नमी
और चेहरे पर उदासी
छाई रही कुछ पल तक
हुजूम रहा दर पे
हलचल रही महल में
और फिर सब कुछ मिट गया
रात के अंधेरे में
फिर कुछ आवाज हुई
और कोई ऊंचाई से गिर गया
सुबह सवेरे उठा तो देखा कि
फिर कोई गुमनाम मर गया
(अतीत के झरोखों से)
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