सोमवार, 2 मई 2022

कोई मर गया

वासना
- by Shrishesh
कोई मर गया और रिश्तेदारों रोने लगे क्या दर्द दिल से उठी कि अश्रुपात होने लगे आंखों में नमी और चेहरे पर उदासी छाई रही कुछ पल तक हुजूम रहा दर पे हलचल रही महल में और फिर सब कुछ मिट गया रात के अंधेरे में फिर कुछ आवाज हुई और कोई ऊंचाई से गिर गया सुबह सवेरे उठा तो देखा कि फिर कोई गुमनाम मर गया (अतीत के झरोखों से)
© अजीत कुमार, सर्वाधिकार सुरक्षित।

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