रविवार, 27 जनवरी 2013

तथाकथित आधुनिक

समाज
- by Shrishesh
वकुलों की श्वेत पंक्ति में हुआ अवस्थित तू मानव, मीन शिकार कर नोच-नोच खाने को ब्यग्र-व्याकुल, अति आतुर प्रमोद-प्रमाद, विलास-आग परवाने सा करता राग झूलसने को तैयार आज तथाकथित आधुनिक समाज । श्रीशेष (अतीत के झरोखों से)
© अजीत कुमार, सर्वाधिकार सुरक्षित।

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